आचार्य श्री प्रमोद कृष्ण जी
श्री कल्की भक्त
प.
पू. आचार्य प्रमोदश्री
स्कंद पुराण के दशम अध्याय में स्पष्ट रुप से वर्णित है कि कलियुग में भगवान श्री विष्णु का अवतार श्री कल्कि के रुप में सम्भल में होगा. प.पू. आचार्य श्री जी का प्रकाट्य भी सम्भल की इसी पावन धरा पर ग्राम एचौडा कम्बोह में त्यागी ब्राह्मण परिवार में हुआ. सम्भल की इस महान भूमि पर जन्में प. पू. आचार्य श्री ने भगवान श्री कल्कि के नाम पर ‘श्री कल्कि फ़ाउंडेशन ’ की स्थापना की है. इसी पावन भूमि पर ‘श्री कल्कि धाम ’ बनाने का संकल्प लिया है. श्री कल्कि फ़ाउंडेशन के संस्थापक युग दृष्टा एवं एक महान दार्शनिक संत प. पू. आचार्य प्रमोदश्री जी का जन्म 04 जनवरी 1965 को ग्राम - एचौडा कम्बोह (सम्भल) जनपद मुरादाबाद (उ.प्र.) में हुआ. ब्राह्मण परिवार में धार्मिक संस्कारों के कारण आप बचपन से ही ईश्वर भक्त है. आपने सम्पूर्ण विश्व में वेद, पुराण, उपनिशद, गीता व रामायण सहित अनेक धर्म ग्रंथो पर प्रवचन करके अपनी मधुर वाणी से थके निराश न जाने कितने लोगों को सांत्वना दी है. थक जाता है मानव मन जब सद् गुरु थाम लेते है, तब वे उसके प्रेरणा स्तम्भ पथ प्रदर्शक बन जाते है.
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